Saturday, June 4, 2011

राम-(देव)-लीला


रोज़ सुबह जब T.V. चलाओगे,
100 चैनलों पर 200 बाबा पाओगे.
कोई प्रवचन सुनाएगा,
कोई भजन गाएगा;
कोई बताएगा आपका भविष्य,
किसकी सुनें किसकी नहीं
आप सोचते रह जाओगे..

हम इस दौर में रहते है
जहां धर्म बड़ा कारोबार है,
इसके कई ठेकेदार हैं..
जो नए-नए तरीकों से करते अपना प्रचार हैं..
ये तथाकथित "धर्म-गुरु" खुदको
देव, महाराज, बापू कहलवाते हैं,
कुछ ऐसे भी है जो अपने ही नाम में
तीन बार "श्री" लगाते है!

विदेशी बैंकों में पड़ा है ढेर सारा काला धन,
जानकार चिंतित हुआ एक सच्चे योगी का मन..
दिल्ली के रामलीला में देखिये
रामदेव की लीला और
करोड़ों का आलीशान अनशन..

राम जाने ये कौन-सा योग है
लगता एक ज़ोरदार प्रयोग है;
हाँ इसमें दो राय नहीं
भ्रष्टाचार सबसे बड़ा रोग है..
मगर सिर्फ "वो" ही दोषी नहीं,
इसमें बराबरी  के ज़िम्मेदार
हम सब लोग है..

बाबा जो इस कदर मीडिया में छाने लगे हैं,
मुझे ललित मोदी से नज़र आने लगे हैं..
सुभाषचन्द्र की तरह लग रहें हैं अन्ना
जो है इसी किताब का पिछ्ला पन्ना..

दुनिया जानती है IPL से पहले ICL आया था;
बाबा मान लीजिये ये मुद्दा पहले अन्ना ने उठाया था..

आमरण अनशन एक तरीके का blackmail है,
जो अब बन चुका राजनीतिक खेल है..
400 रूपए की बोतल में पतंजलि  का तेल है,
जो 4 जून से दिल्ली में 'available on sale' है..

लोग समझते है राजघाट में बापू
आराम से सो रहा है,
मगर मैं मानता हूँ
सत्याग्रह का बाज़ारीकरण देखकर
आज, बापू रो रहा है..

इन सब का परिणाम आप भी जानते है,
न जाने क्यूँ फिर भी इसे संग्राम मानते हैं..
जो पहनाई थी अन्ना को, वही टोपी
बाबा, सरकार आपको भी पहनाएगी;
एक "उच्च-स्तरीय" committee बनाएगी;
मुद्दों की पुरानी बड़ी कब्र खोदकर
उसमें एक और दफ्नाएगी..

बाबा चिंतित हम दोनों हैं,
मगर ज़रा-सा फर्क है:
आपकी चिंता काला धन है,
मेरी चिंता काला मन है..


8 comments:

Anonymous said...

Excellent........Hats off!!

Anonymous said...

bohot khoob bandhu!! shabd thode teekhe zaroor hai magar sachche hai...Anil.

Ruchee said...
This comment has been removed by the author.
Ruchee said...

Firstly i would like to congragulate U on choosing such a apt topic for ur blog .The wit that each post has is similar to "Amul" ads….which by the way is the epitome of Wit…And the thing i loved most about the blog is the simplicity the entire post has with the punching lines at the right places..Keep up the good work!

Aniket Jha said...

amazing really amazing

SHRIKANT said...

Waah Barkhurdaar Waah ! Aapki vyangya shayari ki jitni prashansa kare utni kam !

Subodh said...

samvaidhanik dhaanche ko jis kadar todne ki koshish ho rahi hai woh bharat ki akhandta ke liye nuksaandeh hain.. Sameer bhai Appne Uchit shabdon mein isi bhavnaa ko ujagar koya hai.. Shukriya Bhai..
Subodh Wasnik

Anonymous said...

Good one bhai. Waah
Tarandeep